रायपुर में भुक्ति प्रधान का चुनाव श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा प्रदत्त भुक्ति प्रधान चुनाव प्रणाली द्वारा पूरी पारदर्शिता एवं भेदभाव मुक्त होकर आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न कराया गया। मतदान देने वाले मतदाताओं को भी चुनाव प्रणाली के अनुसार यम नियम, षोडस विधि , धर्म चक्र, सेमिनार के आधार बिंदु पर मतदाता सूची तैयार की गई। दो चरणों में मतदाताओं की मतदान की गिनती हुई। भुक्ति प्रधान के उम्मीदवार श्री यदुनाथ जी एवं श्री मुकेश वर्मा के बीच चुनाव कराया गया। चुनाव में कुल मतदाता की संख्या 238 थी जिसमें श्री यदुनाथ जी को 144 मतदान के साथ भुक्ति प्रधान नियुक्त किया गया एवं दूसरे उम्मीदवार श्री मुकेश वर्मा जी को 24 मतदान प्राप्त हुआ एवं 7 मतदान को अमान्य घोषित किया गया।
भुक्ति प्रधान और भुक्ति सामान्य समिति आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी के द्वारा दिया हुआ संस्था की एक महत्वपूर्ण इकाई है। भुक्ति प्रधान और भुक्ति सामान्य समिति सदस्य के चुनाव में सभी मार्गियों की सीधे भागीदारी हुई।
चुनावी मैदान में भुक्ति प्रधान सामान्य समिति का चुनाव 25 उम्मीदवारों के बीच हुआ जिसमें 18 उम्मीदवारों ने सामान्य समिति मे जीत दर्ज किया।
जिसकी सूची निम्नलिखित है
श्री दिलीप देवांगन 141 वोट
श्री शिव कुमार देवांगन 137 वोट
श्री चन्द्रशेखर 135 वोट
श्रीमती मालती परगनिया 135 वोट
श्री इंद्रजीत 134 वोट
श्री शिवचरण निषाद 133 वोट
श्री अभिषेक 127 वोट
श्रीमती डॉली मंडल 125 वोट
श्रीमती राखी वर्मा 123 वोट
श्रीमती संगीता सोनी 116 वोट
डॉक्टर केजू राम साहू 115 वोट
श्री सिद्धार्थ देव 113 वोट
श्री मुकेश वर्मा 106 वोट
श्रीमती गंगा देवी 105 वोट
श्रीमती मनीषा दासे 98 वोट
श्री हिमांशु दासे 92 वोट
श्री संदीप चौहान 89 वोट प्राप्त हूए।
चुनाव संचालन समिति की अध्यक्षता आचार्य अर्पितानंद अवधूत के साथ चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया
जिसमें अवधुतीका आनंद सूचिलेखा आचार्या , श्री संतोष वर्मा ,श्री लक्ष्मण वर्मा, श्री सी एल दासे ,
एवं मतदान गणना में श्री सुबोध जी, श्री सिद्धार्थ जी, डाक्टर सत्यजीत , श्री आकाश चंद्रवंशी की अहम भूमिका रही।
आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने जिला समिति के अधिकार एवं कार्यकारिणी प्रणाली के अनुसार जो आचार्य और तात्त्विक दोनों ही हैं, उनके मतदान से, उन्हीं लोगों में से निर्वाचित सदस्य को लेकर जिला-समिति गठित होगी। वह समिति अपने बीच में से चेयरमैन का चुनाव करेगी। चेयरमैन अपनी इच्छानुसार व्यक्तियों को लेकर जिला कार्यकारिणी समिति बना लेंगे। उनकी इच्छा से अधिक से अधिक तीन व्यक्ति जो जिला संस्था के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं, और जो आचार्य और तात्त्विक दोनों नहीं हैं लेकिन आचार्य या तात्त्विक हैं, जिला कार्यकारिणी समिति के सदस्य चुने जा सकते हैं। जिला समिति की सर्वोच्च संख्या 25 होगी तथा निम्नतम संख्या 15 होगी। जिला कमिटी की कार्यकारिणी-समिति की सदस्य संख्या जिला समिति के 80 प्रतिशत सदस्यों की इच्छा से चेयरमैन द्वारा निर्धारित होगी। जिला संस्था की सदस्य संख्या 25 से अधिक भी की जा सकती है ।
इस अवसर पर प्रउत टीवी की ओर से श्री चंद्रशेखर जी ने वहां की चुनाव प्रणाली का निरीक्षण किया l
0 Comments