https://www.youtube.com/live/ntecGAPRjls?si=Ckl5XyfNAlVxm6y2
*नमस्कार, Analysis का अर्थ है सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष की चर्चा. "बाबा" की उक्ति, 'See the bright side' के अनुसार रुद्रानंदजी के व्यक्तव्य के सकारात्मक पक्ष की पहले चर्चा करूँगा और फिर नकारात्मक पक्ष की चर्चा होगी.*
*रुद्रानंदजी के व्यक्तव्य का Youtube Link.......👇*
https://www.youtube.com/live/ntecGAPRjls?si=9jV246mZNPljqpIa
👉रुद्रानंदजी का व्यक्तव्य इस लिंक के 36 वें मिनट से 1.11.00 तक अर्थात 35 मिनट का व्यक्तव्य है. अपने 35 मिनट के व्यक्तव्य में उन्होंने *43 बार "बाबा" का नाम लेकर यह स्थापित कर दिया कि आनंद मार्ग में "बाबा" ही "बाबा" हैं उनके अतिरिक्त अन्य किसी की कोई हैसियत नहीं है.*
👉 तांडव केस के विजय का सन्दर्भ (38.20 मिनट से 40.00 मिनट तक) यह स्थापित करता है कि, *चर्याचर्य में परिवर्तन या Amendment का अधिकार सिर्फ और सिर्फ "बाबा" (Living Guru) को है. उनके अतिरिक्त चर्याचर्य में कोई भी, किसी तरह के बदलाव का अधिकार नहीं रखता. अर्थात, October 1990 के बाद चर्याचर्य में हुआ कोई भी बदलाव, Including महाप्रयाण चैप्टर, अवैध और ग़ैरआदर्शगत है.*
👉 रुद्रानंदजी ने अपने व्यक्तव्य में आगे कहा (41.50 मिनट) की आनंद मार्ग में 5 प्रकार के Cader हैं- WT, LFT, LPT, Elected (भुक्ति प्रधान) और Nominated (ACB Member). इससे यह भी स्थापित होता है कि एक सामान्य मार्गी की तरह WTs भी आनंद मार्ग के Cader ही हैं, कोई पहले दर्ज़े का नागरिक या फिर उच्च कोटि के कोई महापुरुष नहीं.
( *"बाबा"* के कथनानुसार; अपनी साधना, सेवा, त्याग से कोई भी महान हो सकता है)
👉 कुछ गृही मार्गी जो WTs की तुलना में अपने अंदर हिनमन्यता (Inferiority Complex) रखते हैं कि WTs बड़े उच्च कोटि के लोग हैं और गृही नहीं, तो इस गलत धारणा को भी रुद्रानंदजी ने अपने व्यक्तव्य (45.20 मिनट) पर यह कहकर चूर्ण विचूर्ण कर दिया कि, *"बाबा ने किसी को भी सद्विप्र Declare नहीं किया था".*
👉 जिस तथ्य को राँची Admin का कोई भी पदाधिकारी लिखने, कहने, बताने से डरता था वह रुद्रानंदजी ने डंके की चोट पर कहा (50.00 मिनट) की जहां भुक्ति प्रधान का चुनाव नहीं हो रहा है वहां उनका Ranchi Admin, चर्याचर्य की धज्जियां उड़ाते हुये, भुक्ति प्रधानों को Nominate कर रहा है.
*👉 चर्याचर्य को "बाबा" ने बहुत Progressive बनाया है (55 मिनट) और आनंद मार्ग का System कभी पुराना नहीं होगा (57 मिनट) कहकर रुद्रानंदजी ने "बाबा" के परमपुरुषत्व को सिद्ध और स्थापित कर दिया.*
*👉 भुक्ति प्रधान के पास District Magistrate, District Collector और District Judge का Power है, कहकर यह स्थापित कर दिया कि जैसे एक जिले में MP, MLA, Minister को भी DM के अनुसार चलना पड़ेगा वैसे ही एक भुक्ति के अंदर DS, DSL, RS, RSL, SS आदि को भी भुक्ति प्रधान के अनुसार ही चलना पड़ेगा.*
*जय हो स्वामी रुद्रानंदजी की........🙋♂️*
*अब आते हैं रुद्रानंदजी द्वारा की गयी बचकानी और कपटपूर्ण गलतबयानियों पर;*
👉 जब आप स्वयं कह रहे हैं (38.20 मिनट से 40.00 मिनट) की जीवित गुरु (Living Guru) के नाते चर्याचर्य में कोई भी Amendment सिर्फ "बाबा" कर सकते हैं तो चर्याचर्य में बार बार Amendment की बात कहकर अपने लिये चर्याचर्य में संशोधन का रास्ता ढूंढना निहायत ही धूर्ततापूर्ण और ग़ैरआदर्शगत कोशिश है, जिसके प्रति सम्पूर्ण मार्गी समाज को सजग रहने की आवश्यकता है.
👉 53.00 मिनट पर दिया गया उनका व्यक्तव्य की भुक्ति प्रधान का चुनाव जीत जाने के बाद भी वह भुक्ति प्रधान या भुक्ति समिति तब तक कार्य नहीं कर सकती जब तक उसे DS, RS, SS और ISMUB Secretary द्वारा स्वीकृत न कर लिया जाय.
*यह भी गृही मार्गियों का अधिकार छिनने की धूर्ततापूर्ण, ग़ैरआदर्शगत कोशिश है. इस संदर्भ में उन्होंने elected MP द्वारा Oath लिए जाने का उदाहरण भी दिया. पर इनको कौन बताये की लोकसभा के चुनाव में किसी के चुनाव जीत जाने पर DM, Election Commission, राज्य के मुख्यमंत्री या देश के प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती. इसमें से कोई भी नही कह सकता है कि तुम चुनाव तो जीत गए हो पर हम तुम्हें शपथ ग्रहण करने नहीं देंगे.*
*फिर कहता हूं भुक्ति प्रधान चुनाव में किसी के जीतने के बाद DS, RS, SS, ISMUB Secretary का Approval गृही मार्गियों को दबाये रखने और उन्हें गुलाम बनाये रखने की एक कपटपूर्ण कोशिश है, जिसका मार्गी समाज द्वारा पुरजोर विरोध होना चाहिये.*
राजेश, वाराणसी
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