आनंदमार्ग पद्धति से अंतरजातीय क्रांतिकारी विवाह


क्रांतिकारी विवाह

आनंदमार्ग पद्धति से अंतरजातीय क्रांतिकारी विवाह

15 जुलाई 2024 को रांची हिनो निवासी श्रीमती जयंती और डॉ. रंजीत कुमार दत्ता के पहले पुत्र डॉ. मनोजित का विवाह रांची ऋषभ निवासी श्रीमती कृष्णा और श्री यमुना कांत माइति की एकमात्र पुत्री डॉ. जयश्री के साथ रांची के सैफरन रिसॉर्ट में आनंदमार्ग के चर्याचर्य विधि के अनुसार संपन्न हुआ। यह समारोह प्रभात-संगीत, बाबा नाम केवलम् कीर्तन, ईश्वर-प्रणिधान, वर्णार्घ्यदान और स्वाध्याय  के माध्यम से एक आध्यात्मिक वातावरण में आयोजित किया गया। विवाह से पहले आनंदमार्ग विवाह की विशेषताओं के बारे में बताया गया। वर पक्ष की ओर से आचार्य गुरुदत्तानंद अवधूत और वधू पक्ष की ओर से अवधूतिका आनंद सुमिता आचार्या ने  पुरोहिती संपन्न की।


आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी जाति विहीन समाज की संरचना के लिए अंतरजातीय विप्लवी विवाह को प्रोत्साहित किया। अंतरजातीय विवाह के अलावा उन्होंने आदर्श वैवाहिक जीवन यापन करने के लिए यम नियम ,षोडश विधि और ध्यान का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने विवाह की पद्धति को भी सारे आडंबओ से दूर रखा। उन्होंने विवाह का पौरोहित्य का कार्य आचार्य एवं सामान्य अनुयायियों के माध्यम बनाया। इस अंतरजातीय विप्लवी विवाह को उन्होंने दहेज से शोषण मुक्त रखा

रांची में आनंद मार्ग पद्धति से धार्मिक वातावरण में संपन्न हुआ।

अब दुल्हा ना कोई बिकेगा, ना चलने देंगे जात पात का बाजार,

आज कसम हम लेंगे संग में ,बंद करेंगे यह व्यापार,

हो बिना दहेज जो ब्याह को राजी,उसी से ब्याह रचाएँगे ,

हम मिलकर आज शपथ लेते हैं यह कुरीति मिटाएंगें ! 

ऐसा ही एक संकल्प लेकर  अध्यात्म व परमार्थ से जुड़ी संस्था आनंद मार्ग आज के वर्तमान समय में जात पात और दहेज जैसी शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए इस विप्लवी या क्रांतिकारी विवाह के आधार पर समाज में चेतना लाने का प्रयास कर रही है। अधिक से अधिक लोग इस व्यवस्था को अपनाएं जिससे एक शोषण मुक्त समाज की स्थापना हो सके और साथ ही साथ वर वधु के आर्थिक सामाजिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए उनका प्रगति का पथ प्रशस्त करने के लिए संकल्पित है। उन्हें वैवाहिक जीवन के साथ साथ सामाजिक दायित्व का भार उठाना पड़ेगा। सामाजिक दायित्व द्वारा हम शोषण मुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।





 

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